प्रत्याभिज्ञा दर्शन आश्रम प्रत्याभिज्ञा शब्द का अर्थ होता है स्वयं की पहचान अथवा प्रत्याभिज्ञा शब्द का अर्थ होता है जो है, जो था, जो रहेगा जो कालों से अबाधित सत्य है उस सत्य की पहचान प्रत्याभिज्ञा कहलाता है। ईश्वर भगवान परमेश्वर इस सारे शब्दों जिनके लिए उपयोग किये जाते हैं वह अनादि अनन्त जन्म मृत्यु रहित चैतन्य ही हम सबका अधिष्ठान है हम सब उसी चैतन्य के एक एक छोटे से बुलबुले है छोटे से कण है।
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सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्म। यो वेद निहितं गुहायां परमे व्योमन् ।
सोऽश्नुते सर्वान् कामान् सह ब्रह्मणा बपिचतेति ।
तस्माद्वा एतस्मादात्मन् आकाशः सम्भूतः ।
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परमपूज्य दिव्यानन्द भारती जी